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Ancient Indian Tarot cards Handbook

Ancient Indian Tarot cards Handbook

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प्रस्तावना


दोस्तों, भृगु संहिता के अनुसार प्राचीन नाडी-शास्त्र का पुनरुज्जिवन "प्राचीन भारतीय टैरो कार्ड" नाम से मेरे द्वारा हुआ है।

यह किताब फ्री में सबके लिए मैं उपलब्ध करा रहा हूँ।

इसके अंदर के संदर्भ देखकर हर किसी को बहोत आश्चर्य होता है। यह ग्रंथ दो खंडों में बटा हुआ है। पहले खंड में युरोपियन कार्डस और भारतीय कार्ड इनका तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। जिसमें कार्ड से सम्बंधित पात्रोंका आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व संक्षिप्त में बताया गया है।

कार्ड्स के अंदर के चित्रोंका सूक्ष्म अवलोकन किया गया है। जहाँ जरूरत है वहाँ "विस्तृत जानकारी के लिए दूसरा खण्ड पढिए" ऐसी सूचनाएँ दी गई है।

ऐसा करने के पीछे दो कारण है। पहला कि किताब मनोरंजक हो, कहीं पर ज्यादा बोअर ना हो। दूसरा कारण, कुछ अभ्यासू विद्वानों को कुछ कथाएँ मालूम हो सकती है। तो उसे कम्पल्सरी पढना जरूरी नहीं होता।

उदाहरणार्थ, धृवबाळ की कथा, राजा हरिश्चंद्र की कथा ई.

जिन लोगों का परिचय भारतीय प्राचीन संस्कृति के साथ पहली बार हो रहा है उनके लिए विस्तार से दूसरा खण्ड दिया गया है, खास कर विदेश के वाचकों के लिए। जिसे पढकर मजा आएगा, जिग्यासा जाग जाएगी। मनोरंजन भी होगा और अफाट ग्यान मिलेगा।

इस ग्रंथ के निर्माण में कई बाधाए आयी। करीब 380 पन्ने लिखकर हुए और अचानक कम्प्युटर से सम्पूर्ण फाईल रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई। उसे रिट्राईव करने में अनेक एक्स्पर्ट्स को बुलाया बहोत खोजबीन की किंतु फाईल रिकवर नहीं हुई।

तीन चार महिने तक सवेरे पांच बजे उठकर रात के ग्यारह बजे तक कोई संशोधन आप करते हैं और अचानक ग्रंथ गायब हो जाता है.. कितना तकलीफदेह हो सकता है, वो मैं ही जानता हूँ।

फिर, ईश्वरीय संकेत समझकर मैंने पुनश्च हरि ॐ किया। फिरसे लिखने बैठा। यकीन मानिए फिर जो लिखा गया वह पहले के शोध ग्रंथ से हजार गुना बेहतर लिखा गया। इस काल के दरमियान मैंने करीब करीब डेढ लाख पन्ने पढे। इतने सारे संदर्भ ग्रंथ इकट्ठा करना, पढना उसका निचोड निकालना और संक्षेप में लिखना यह अपने आप में बडी मेहनत का काम है।

लंबी चौडी कहाँनी लिखना आसान है, परंतु उसी कहाँनी को पांच सेंटेंसेस में लिखना बहोत मुष्किल होता है। उन पांच सेंटेंसेस में सभी मुख्य पात्रोंका होना एवं स्टोरी लाईन भी बताना इसके लिए काफी सोच विचार करना पडता है। लेकिन जब कि मैं फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिखता हूँ इसलिए मुझे "वन लाईनर" लिखने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई।

हर एक कहाँनी आपके कार्ड रीडिंग को सटीक बनाएगी। भारतीय संस्कृति, ग्रीक संस्कृति, इजिप्शियन संस्कृति, फिलिपिंस संस्कृति इन सबका मुझे इस विषय के संदर्भ में अध्ययन करना पडा। उसके संदर्भ मैंने चित्र सहित दिए हैं। तो बैठे बैठे आपका ग्यान समृद्ध होगा, भले आप टैरो कार्ड रीडर नही हैं।

पहले अंग्रेजी में ग्रंथ लिखा, फिर लगा हिंदी में भी होना जरूरी है तो भाषांतरीत करने के लिए अलग सा समय लगा।

(कुछ लोग कहेंगे गूगल ट्रांसलेट करता है, तो कौनसी बडी बात है। तो उन लोगों को मैं बता दूँ गूगल कैसे ट्रांसलेट करता है..

उदाहरण:

I am fine, thank you!

इसका अनुवाद.. मुझे अर्थदण्ड, धन्यवाद

ऐसा कुछ भी होता है। सटीक शब्द के लिए स्वयं ही भाषांतरण करना पडता है।)

इसके चित्र मैंने स्वयं बनाए हैं। चित्रों को "फ़ोटोशोप" सोफ्टवेअर में बनाना अपने आप में चेलेंज होता है। उसमें भी सूक्ष्म भेद ऐसा है कि कम्प्युटर के स्क्रीन पर दिखनेवाले रंग अलग होते हैं और प्रिंट करने के बाद वो रंग अलग प्रकार से दिखते हैं। इसलिए प्रिंटिंग के भी अनेक ट्रायल लिए गए, तभी जाकर कुछ बेहतर चीज तैयार हुई।

अगला चेलेंज यह था कि कोई प्रिंटिंग प्रेस वाला विचित्र साईज के कार्ड को प्रिंट करने के लिए तैयार नहीं था। उपरसे 'लोकडाऊन' की वजह से अनेक प्रिंटर्स बंद थे। विशेष प्रकार की कटिंग की डाय बनाना, इत्यादि में काफी समय गया। लेकिन अंत में रिजल्ट बहोत बेहतर आया। जो आपके सामने प्रस्तुत हैं।

खंड 1



1) टैरो कार्ड रीडिंग शुरू करने से पहले की तैयारी

2) अपराइट और रिवर्स रीडिंग क्या है?

3) टैरो कार्ड एक नज़र में

4) यूरोपीय टैरो कार्ड बनाम प्राचीन भारतीय टैरो कार्ड:

5) कार्ड के विवरण में माइक्रो रीडिंग:

अ. कार्ड में पवित्र चित्र:

ब. कार्ड और उसका पौराणिक महत्व, गहरे चित्रण के साथ:

खंड 2


1) टैरो कार्ड का इतिहास और उत्पत्ति:

2) टैरो कार्ड का दुनिया में फैलाव

3) भृगु ऋषि कौन थे?

4) भृगु संहिता क्या है?

PART I

टैरो कार्ड रीडिंग शुरू करने से पहले तैयारी

1. खुद को कैसे तैयार करें

2. रीडिंग के लिए कमरा कैसे तैयार करें

3. कार्ड कैसे तैयार करें

4. कार्ड कैसे फैलाएं

5. पढ़ने के लिए कैसे बैठें

6. सामान्य गलतियों से कैसे बचना चाहिए

खुद को कैसे तैयार करें

(तन शुद्धि)

एक कार्ड रीडर का शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना अनिवार्य होता है।

अगर कार्ड रीडर को कोई शारीरिक बीमारी है तो कृपया दूसरों की मदद करने से पहले खुद ठीक हो जाएं।

यदि कोई कार्ड रीडर डिप्रेशन से गुजर रहा है, तनाव से गुजर रहा है तो कृपया खुद ठीक हो जाएं, फिर कार्ड रीडिंग करें। कार्ड रीडिंग केवल रीडिंग नहीं है, यह एक आध्यात्मिक गतिविधि है।

हर धर्म ने जीवन जीने के लिए कुछ बुनियादी नियम दिए हैं, हमें बुनियादी नियमों का पालन करना होगा। भगवान बुद्ध ने इसे "पंचशील" के रूप में बहुत स्पष्ट किया है, जिसका अर्थ है, जीवन में कम से कम पांच चीजों का पालन करना।

1. किसी (पशु या पन्छी) जीव की हत्या से परहेज

2. चोरी से परहेज

3. यौन दुराचार से परहेज

4. झूठ से परहेज

5. नशा से परहेज

यह बुनियादी नियम हर धर्म में होते हैं, आपकी जो भी आस्था हो बस उनका पालन करें।

कार्ड रीडर का दयालु और उदार व्यक्तिमत्व होना चाहिए।

कार्ड रीडिंग सिर्फ एक स्कूली बच्चे की तरह पढ़ना नहीं है। यह अदालत में वकील की तरह है। अदालत में वकील की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। जो क्लायंट का पक्ष जज को बताता है। वह व्यक्ति के व्यवहार की व्याख्या संविधान हे दायरे में करता है। और क्लायंट को संविधान का मतलब समझाता है।

एक शक्तिशाली कार्ड रीडर को कार्ड के अंदर की छवि और दिए गए शब्दों को, साधक के प्रश्न और जीवन के संदर्भ में समझाने में सक्षम होना चाहिए।

कार्ड रीडर के पास पूर्वाग्रह के बजाय विश्लेषणात्मक तैल बुद्धी होनी चाहिए।



शक्तिशाली कार्ड रीडर बनने के लिए क्या करें?


शक्तिशाली कार्ड रीडर को सूर्योदय से पहले सुबह जल्दी उठना चाहिए!

बहुत से चिकित्सक या कार्ड रीडर सुबह जल्दी उठना चाहते हैं लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाते। कारण यह है कि वे रात में आधी रात के बाद बिस्तर पर सोने के लिए जाते हैं और 2 बजे तक मोबाइल से खेलते रहते हैं। उनका तर्क होता है, कि मैं सोने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन मुझे नींद नहीं आती, इसलिए मैं अपने मोबाइल से खेलता हूं।

नहीं दोस्तों! ऐसा नहीं है। असल में आप स्क्रीन के साथ खेल रहे हैं इसलिए आप को नींद नहीं आती है।

प्रकृति ने मनुष्य को निशाचर के रूप में नहीं, दिवाचर के रूप में बनाया है। (दिवाचर, जानवर रात में सोते हैं, निशाचर जानवर दिन में सोते हैं।)

स्मार्ट फोन ने इंसानों को Cathemeral जैसे विचित्र प्राणी में बदल दिया है। (Cathemeral पशु, आधा दिन और आधा रात सोता है।)

दुनिया में अधिकतम आबादी 2 बजे तक फोन पर खेलती है और सुबह 9/10 बजे तक सोती है। इससे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, बेकाबू गुस्सा आदि कई तरह की बीमारियां पैदा होती हैं।

यदि कोई इंसान एक शक्तिशाली उपचारक या कार्ड हीलर बनना चाहता है, तो उसे अपने नियमित जीवन में कुछ बदलाव करने होंगे।

रात का भोजन 8 बजे से पहले करें। आयुर्वेद के अनुसार, जैन धर्म द्वारा जिसे धार्मिक रूप से अपनाया गया, सूर्यास्त से पहले भोजन करना। किंतु दूसरे लोगों के लिए सूर्यास्त से पहले भोजन करना बहुत कठिन हो सकता है।

तो आपको लेट में लेट 10:30 बजे बिस्तर पर जाना चाहिए। अगर आपने बेडरूम में टीवी रखा है, तो कृपया उसे हटा दें। कृपया स्मार्टफोन को स्विच ऑफ कर दें। नींद से ज्यादा कोई कॉल महत्वपूर्ण नहीं है।

इससे आपको सुबह की फ्रेश सकारात्मक शुरुआत मिलेगी।

जैसे ही आप उठते हैं, ब्रश करने से पहले रोजाना एक गिलास गुनगुना गर्म पानी पीना चाहिए। इससे आपका पेट साफ होगा। कब्ज, गैस की समस्या है तो भोजन में गाय का घी एक चम्मच डालें, चाय में भी आधा चम्मच गाय का घी तीन दिन तक डालें। आपका पेट प्राकृतिक रूप से साफ रहेगा।

कृपया याद रखें कि खाना खाने से पहले डेढ़ गिलास पानी जरूर पिएं। भोजन के दौरान या बाद में पानी नहीं पीना चाहिए। । हाँ, जंक फूड से बचें!

मैंने अपने "रेकी" के ग्रंथ में इस पर विस्तार से चर्चा की है कृपया उसे पढ़ें।

निष्कर्ष: प्रकृति का सम्मान करें और सही समय पर नींद, भोजन और पानी लें, जैसा कि पशु और पक्षी करते हैं।

एक शक्तिशाली कार्ड रीडर बनने के लिए आपको शरीर के भीतर प्राकृतिक ऊर्जा का निर्माण करना होगा।

प्राकृतिक ताकत बनाने के लिए आपको मॉर्निंग वॉक या साइकलिंग के लिए बाहर जाना होगा या घर में योग, एरोबिक्स करना होगा।

अगर आपका वजन ज्यादा है तो इसे गंभीरता से कम करने की कोशिश करनी चाहिए।

शक्तिशाली कार्ड रीडर को अपनी धार्मिक गतिविधियों का पालन 'धार्मिकता' से करना चाहिए। यदि संभव है तो आधे घंटे के लिए ध्यान करें। यदि संभव न हो तो बस बैठकर आधा घंटा ध्यान संगीत सुनें।

यह आपके शारीरिक और मानसिक शक्तियों को फिर से जीवंत कर देगा।

ध्यान दें: कृपया कार्ड रीडिंग करते समय धूम्रपान ना करे, तंबाकू या मावा ना चबाए। यदि आप दारु पिए हुए है तो कार्ड रीडिंग ना करे।

टैरो कार्ड रीडिंग के लिए कमरा कैसे तैयार करें
(स्थान शुद्धि)


कमरा शांत होना चाहिए। टैरो कार्ड रीडिंग के समय उपचारक के परिवार के किसी सदस्य को कमरे में नहीं जाना चाहिए। कोई जाए तो आवाज न करे।

बहुत तेज पंखे से बचें। तेज पंखे के कारण कार्ड बिखर सकते हैं। कमरे में बहुत गर्मी या कंपकंपी वाली ठंड नहीं होनी चाहिए, कमरे में उचित वेंटिलेशन होना चाहिए।

कार्ड रीडिंग के लिए गोडाउन, बेसमेंट, टेरेस,स्टॉक रूम या गैरेज या अपने बेडरूम का उपयोग न करें। कमरे में घुटन नहीं होनी चाहिए। यह मच्छरों से मुक्त होना चाहिए।

कार्ड पढ़ने से ठीक पहले, मच्छर भगाने वाले स्प्रे का छिड़काव न करें। रूम फ्रेशनर का छिड़काव न करें। उपरोक्त सभी का उपयोग आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है ।

कमरे का आकार लगभग 10x10 फीट होना चाहिए। बहुत बड़ा हॉल, बहुत छोटा कमरा, या 11 फीट से अधिक छत की ऊंचाई आपकी एकाग्रता को प्रभावित कर सकती है।

समूह में कार्ड रीडिंग करने से बचें, क्योंकि इससे नकारात्मक कंपन पैदा होते हैं।

आवाज


कमरे में ट्रेफिक, इंजीनियरिंग उद्योग, रासायनिक इकाइयां, बाजार, लाउडस्पीकर के माध्यम से उत्पन्न शोर आदि जैसी आवाज नहीं होनी चाहिए।

किसी भी फिल्मी संगीत का प्रयोग न करें; यह सभी को परेशान करेगा। चाहिए तो ध्यान संगीत बजाएं।

कमरे में रोशनी की व्यवस्था।

कमरे में मंद नियंत्रित प्रकाश होना चाहिए। दीवारों का रंग डार्क होना चाहिए। क्लायंट के पीछे से प्रकाश स्रोत रखें। प्रकाश का फोकस आपके चेहरे या कार्ड्स पर होना चाहिए। यदि आप वातानुकूलित कमरे की व्यवस्था कर सकते हैं तो यह बेहद आश्चर्यजनक परिणाम देगा।

आध्यात्मिक वातावरण।


हर धर्म में आध्यात्मिक माहौल कैसे बनाया जाए इसके अलग-अलग उत्तर हैं।

ईसाई धर्म में मोमबत्ती का बहुत महत्व है।

हिंदू धर्म में गाय के घी का 'दीया, चंदन' की लकड़ी और 'धूपबत्ती' को महत्व दिया जाता है।

कृपया याद रखें कि 'अगरबत्ती' हिंदू संस्कृति का हिस्सा नहीं है। 'अगरबत्ती' ने इस्लामिक युग में भारत में प्रवेश किया। हिंदू धर्म बहुत लचीला है यह अच्छी चीजों को तेजी से अपनाता है। इसलिए एक ताजा माहौल बनाने के लिए हिंदू लोग भी 'अगरबत्ती' का इस्तेमाल करते हैं जो कि अच्छा है।

इस्लाम अगरबत्ती और 'लोबान' को महत्व देता है।

कृपया ध्यान रखें कि अगर कमरा पैक है तो अगरबत्ती या दीया घुटन की समस्या पैदा कर सकता है।

कार्ड कैसे तैयार करें


एक नया सूती या रेशमी 'लाल कपड़ा' खरीदें। कार्ड डेक को हमेशा इसी कपड़े में लपेट कर रखें।

पुराने समय में धार्मिक पुस्तकों को लाल कपड़े में लपेटना एक नियम था।

घर के प्रार्थना स्थल के पास कार्ड रखें। टैरो कार्ड पवित्र हैं। कार्ड हमेशा बच्चों से दूर रखें।

किसी भी कार्ड पर स्केच पेन, पेंसिल, पेन या मार्कर पेन से निशान न लगाएं। इससे कार्ड की शुद्धता समाप्त हो जाएगी।

यदि कोई कार्ड फटा हुआ है या कोने में मुडा है, तो कृपया नया डेक खरीदें। हमेशा सभी कार्डों के साथ डेक का उपयोग करें, एक या दो कार्ड गुम होने पर कभी भी डेक का उपयोग न करें।

कार्ड एक्सपायरी डेट के साथ आते हैं। हर दो साल के बाद या 1001 रीडिंग के बाद कार्ड डेक को बदलना पड़ता है।

कार्ड को संभालने के दो साल बाद या 1001 से अधिक बार प्रयोग में लाने से अपनी पवित्रता खो देता है।

कार्ड कैसे फैलाएं


प्राचीन भारतीय टैरो कार्ड्स को शफल करने की अनुमति नहीं होती। ये कार्ड्स अत्यंत पवित्र और भारित होते हैं। ताश के पत्ते नकारात्मक होते है। जिसे 'जुआ' (गैबलिंग) का प्रतिक माना जाता है। भारत देश के कई परिवारों में आज भी बच्चोंको एवं औरतों को ताश के पत्ते खेलने की मनाही होती है। घर में ताश के पत्ते रखना भी अशुभ माना जाता है।

ताश के पत्ते खेलने वाली औरतों को अच्छे नजर से नहीं देखा जाता।

इन्हे मिक्स करने के लिए जब आप इन्हे फैलाएंगे तब उलटे सीधे क्रम में उठाईये । तो यह अपने आप मिक्स हो जाते हैं।

युरोपिय कार्ड्स को आप ताश के पत्तों के जैसे शफल कर सकते हैं।

क्योंकि तांत्रिक समस्या यह है कि ताश के पत्ते 6 cm x 10 cm. के साईज के होते हैं। और प्राचीन भारतीय टैरो कार्ड्स 6 cm x 15 cm साईज के होते हैं। अगर किसी ने भारतीय टैरो कार्ड्स को शफल करने की कोशिष की तो नीचे गिर जाएंगे, या मुड जाएंगे।

कार्ड का मुँह हमेशा नीचे की ओर करके रखें।

पढ़ते समय डेक में प्रमुख अरकाना और माइनर अरकाना कार्डों को अलग करें।

मेजर और माइनर अरकाना कार्ड को कभी न मिलाएं।

मेजर अरकाना स्प्रेड की दो शैलियाँ हैं। अप राईट शैली और रिवर्स शैली।

माइनर अरकाना स्प्रेड की तीन शैलियाँ हैं। ओम (ब्रह्मा), त्रिशूल (शिव), दही हंडी/मानव पिरामिड (विष्णु) शैली

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यह मेजर आर्काना 'अप राईट' रीडिंग के लिए है।

कृपया मध्य भाग को खाली रखें, जिसे ब्रम्ह तत्व कहते हैं। यह एक 'स्वस्तिक' चिन्ह है, जिसे भारतीयों के लिए समझना आसान है। पश्चिमके लोगों को 'स्वस्तिक' को समझाना मुश्किल है। कुछ लोग इसे 'नाझी' प्रतीक से जोड़ सकते हैं, लेकिन इसका 'नाझी' से कोई लेना-देना नहीं है। यह 16 कार्ड स्प्रेड है

It is 16 card spread

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यह मेजर आर्काना 'रिवर्स' रीडिंग के लिए है।

यह उल्टा 'स्वस्तिक' है। यह 16 कार्ड स्प्रेड है।

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यह स्प्रेड माइनर आर्काना कार्ड रीडिंग के लिए है। इसके अंदर ओम चिन्ह होता है।

यह 13 कार्ड स्प्रेड है|

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यह माइनर आर्काना कार्ड रीडिंग के लिए है। यह दही हांडी/ मानव पिरामिड है।

यह 15 कार्ड स्प्रेड है।

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यह माइनर आर्काना कार्ड रीडिंग के लिए है। इसके अंदर त्रिशूल का चिन्ह होता है।

यह एक 12 कार्ड स्प्रेड है। (कार्ड स्प्रेड के बारे में विस्तार से विवरण पुस्तक के दूसरे भाग में है।)

(Detail explanation about the card spread Swastika, Dahi Handi,Trishul, is in the second part of the book.)

कार्ड रीडिंग के लिए कैसे बैठें


कार्ड रीडिंग के लिए बैठने के तिन पहलू हैं।

1. दिशा

2. वस्त्र

3. समय

1. दिशा:

कार्ड रीडर को दक्षिण की ओर मुख करके बैठना चाहिए; जाहिर है, साधक का मुख उत्तर दिशा की ओर होगा। दिशाओं को समझने के लिए आप किसी भी स्मार्टफोन पर 'कम्पास एप्लिकेशन' का उपयोग कर सकते हैं।

यदि संभव न हो तो कार्ड रीडर पूर्व की ओर पश्चिम दिशा में मुख करके बैठ सकता है, साधक पश्चिम में बैठकर पूर्व की ओर मुंह करेगा।

कभी भी तिरछी दिशा में न बैठें।

सुनिश्चित करें कि कोई टूटा हुआ फर्नीचर, दर्पण या कोई टूटा हुआ कांच कमरे में नहीं है।

2. वस्त्र:


शरीर के ऊपरी हिस्से पर कार्ड रीडर को लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए। संभव न हो तो पीले वस्त्र धारण करें। यदि संभव न हो तो सफेद वस्त्र धारण करें। कार्ड रीडर को किसी भी हालत में ब्लैक टॉप नहीं पहनना चाहिए।

कार्ड रीडर किसी भी रंग की पैंट, पतलून आदि पहन सकता है।

कार्ड पढ़ते समय कार्ड रीडर के कपड़े टाइट नहीं होने चाहिए। यहां तक कि कार्ड पढ़ते समय इलेस्टिकवाले अंडरगारमेंट्स भी पढने नहीं चाहिए। ढीले कपड़े का महत्व धार्मिक गुरुओं द्वारा अच्छी तरह से समझा जाता है, इसलिए वे हमेशा बिना सिले कपड़े या ढीले गाउन पहनते हैं।

क्राउन चक्र, यानी सिर को लाल, पीले या सफेद कपड़े से ढंकना चाहिए।

भारतीय महिलाओं द्वारा साड़ी से सिर ढकने के पीछे यही कारण है और हर पुरुष पगड़ी पहनता था।

3. समय:


कार्ड रीडिंग के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है? यह अक्सर पूछा जाने वाला प्रश्न है।

ज्योतिषियों द्वारा प्राचीन भारत में समय के बारे में बड़े पैमाने पर शोध किया गया है। जिसे 'मुहुर्त' के नाम से जाना जाता है।

कार्ड पढ़ने का सबसे अच्छा समय शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक है।

सुबह के समय कार्ड पढ़ने से बचें, भले ही आप एक पेशेवर कार्ड रीडर हों। सुबह के सत्र में आपको बेहतर परिणाम नहीं मिलेंगे।

कार्ड रीडिंग करने का दिन या तारीख:

भारतीय प्राचीन ज्योतिष के अनुसार रहस्यमय कार्य करने के लिए कुछ निश्चित दिन होते हैं,

1. सोमवार,

2.मंगलवार,

3. गुरुवार,

4. शुक्रवार

बुधवार और शनिवार को रीडिंग देने से बचें।

चार में से मंगलवार और गुरुवार कार्ड रीडिंग करने के लिए सबसे अच्छे दिन हैं।

पूर्णिमा और अमावस्या को कार्ड रीडिंग से बचें, भले ही वह मंगलवार या गुरुवार हो।

अपराइट और रिवर्स रीडिंग क्या है?


'रीडिंग्स' भविष्य कथन असल में नैतिक कहानीया है। भारत में पंचतंत्र, जातक कथा, बेताल पच्चीसी यह नैतिक कहानियों के कुछ उदाहरण हैं। यह अरेबियन नाइट्स की तरह केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं है।

जीवन में सकारात्मक (सुख) और नकारात्मक (दुख) दोनों दशाएँ होती हैं। हर कार्ड के किरदार की कोई न कोई कहानी है। साधक को इसे समझना होगा।

भारत में रामायण, महाभारत के 'कथाकार' हैं। कथाकार एक बुद्धिमान व्यक्ति होता है जो महाकाव्यों का जीवन के साथ फलसफा जाहीर करता है।

आज तक यूरोपीय टैरो, कार्ड रीडर सचमुच में मन गढंत अतार्किक कहानियाँ गढ़ रहे थे। चूंकि सभी अज्ञानी थे, इसलिए किसी को इसकी परवाह भी नहीं थी।

अब आपके पास प्राचीन भारतीय कार्डों का पूर्ण दार्शनिक तार्किक आधार है। जिससे भविष्य कथन में एक जबरदस्त लोजिकल बेस मिलता है।

सामान्य गलतियाँ जिन्हे आप टाल सकते हैं:


1. यदि आपके परिवार या आस-पड़ोस में किसी की मृत्यु हो गई हो तो कार्ड रीडिंग के लिए कभी न बैठें। 72 घंटे तक परहेज करें। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी आत्मा मृत्यु के बाद उसके शरीर में प्रवेश करने के लिए द्वार खोजती रहती है। यदि आप कार्ड पढ़ने बैठते हैं तो आत्मा आपके सामने प्रकट हो सकती है या आपको कोई विचित्र अनुभव हो सकता है।

2. मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को कार्ड रीडिंग से बचना चाहिए। इसके पारलौकिक कारणों से अधिक कारण, शारिरीक हैं।

मासिक धर्म के दौरान एक महिला का शरीर विभिन्न हार्मोन्स बनाता है, शरीर बेचैन होता है, पैर, कमर और सिर से ऊर्जा गर्भाषय की तरफ एकत्र की जाती है। तब कार्ड रीडर महिला घबरा सकती है या कार्ड रीडिंग पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकती है।

कुछ महिलाएं मासिक धर्म के दौरान भी कार्ड रीडिंग करती हैं। तब उन्हें गंभीर सिरदर्द, या अप्राकृतिक प्रवाह या ऐसी किसी भी चीज़ का सामना करना पड़ता है, जो रहस्यमयी हो सकता है।

लेकिन अगर किसी महिला में हिम्मत है तो वह अपने मासिक धर्म में भी रीडिंग कर सकती है।

3. अस्पताल, कब्रिस्तान, सड़क, चलती गाड़ी जैसे ट्रेन या बस में कार्ड रीडिंग न करें।

4. अगर आप मनोवैज्ञानिक असंतुलन का सामना कर रहे हैं तो कार्ड रीडिंग से बचें। अगर आपकी किसी से लड़ाई हुई है और आप परेशान हैं या किसी मानसिक विकार के लिए दवाएं ले रहे हैं। तब रीडिंग ना करे।

5. जब आप नशे में हों तो कभी भी कार्ड रीडिंग न करें।

European Tarot Card V/S Ancient Indian Tarot card:


मुझे प्रामाणिकता के साथ बताने दीजिए कि भारतीय पौराणिक कथाओं की कोई भी छवि जो इन कार्ड में दर्शाई गई है, मेरे कल्पना की रचना नहीं है।

भगवान, देवी-देवताओं और पौराणिक पात्रों की छवियां हजारों वर्षों से प्रचलित हैं। अनादि-अनंत के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि वे चित्र कालातीत हैं। कभी-कभी किसी युग में कलाकार पेंटिंग बनाते समय अपनी कल्पना को जोड़ देता है, लेकिन मूल अवधारणा हमेशा एक ही होती है।

उदाहरण:

किसी भी युग में किसी भी मुद्रा में हमेशा..

भगवान कृष्ण का दिव्य नीला रंग.. उनके मुकुट में एक मोर पंख का होना ... हाथ में बांसुरी का होना। मिलेगा ही मिलेगा..

भगवान शिव के गले में नाग का होना... द्वितिया का चंद्रमा उनके सिर पर होना... कलाई में रुद्राक्ष होना... हाथ में त्रिशूल होना... आदि होगा ही होगा।

विषय की व्याख्या करने के लिए मैंने जिन चित्रों का उपयोग किया है, वे सभी हजारों वर्षों से भारत में उपलब्ध हैं। किसी न किसी चित्रकार ने उसे चित्रित किया है।

(कुछ संदर्भ गूगल पर उपलब्ध हैं।)

सवाल यह है कि मुझे कार्ड बनाने का यह आइडिया कहां से मिला?


यहाँ पर मुझे विस्तृत कहाँनी बताने दीजिए। मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जिसने कई धर्मों और संस्कृतियों का अध्ययन किया है। मेरे कई गुरु हैं'। मैं कई धार्मिक गुरुओंके साथ रहस्यमय और पौराणिक विषयों पर चर्चा करता हूं।

मैंने आधुनिक युग के सन्दर्भ में प्राचीन आध्यात्मिक विषयों पर अनेक ग्रंथ लिखे हैं।

उस संदर्भ में, दुनिया भर में कई बुद्धिमान लोग और ऋषी मुनी मुझसे मिलते रहते हैं।

वह था महामारी-कोरोना-युग सन 2020। मैं सूरत शहर के बीचों-बीच रहता हूं, जो दुनिया का हीरा व्यापार और प्रसंस्करण का केंद्र है। तेज गर्मी से पसीने से तरबतर हो रहे थे। जनता कर्फ्यू के कारण वातावरण में मृतवत सन्नाटा छाया हुआ था।

मैं ग्राऊंड फ्लोअर पर अपने ग्रंथालय एवं परामर्श कक्ष में था .. गुरबानी (सिख धर्म का महान पवित्र ग्रंथ) पढकर रखने के बाद ज़ेंद-अवेस्ता ( पारसी धर्म का महान पवित्र ग्रंथ) पढने ही जा रहा था।

.. की किसीने मेरे मुख्य द्वार पर दस्तक दी। कोई उस अंदर से बंद सुरक्षा द्वार को खोलने की कोशिश कर रहा था।

मैं दरवाजे पर दौड़ कर गया। चार साधु, जिनकी लंबी दाढ़ी और लंबे बाल थे, दरवाजे पर खडे थे। उनमें से एक बुजुर्ग सफेद भूरे बालों वाले महात्मा थे।

मैंने दरवाजा खोलकर उनका स्वागत किया।

जबकि मेरी पत्नी उनके लिए ताजा नारियल पानी लेकर पहली मंजिल से नीचे के ओर लपककर आयी। सुबह आश्चर्यजनक रूप से पत्निने फेरीवाले से छह नारियल खरीदे थे। मैंने पूछा भी था; वह बस मुस्कुराई थी। लेकिन मैं उसके अंतर्ज्ञान को नहीं जानता था।

मैंने सभी महात्माओं को आराम करने के लिए कहा।

वे मुझे बताने लगे, कि वे भृगु ऋषि आश्रम से थे। वे गुरूजन अपने साथ कुछ ताड़पत्र ले जा रहे थे।

मैं ताड़पत्र से वाकिफ हूं। यह ज्योतिष की एक शाखा 'नाड़ी शास्त्र' के लिए उपयोग में लाए जाते हैं।

थोड़ी देर बाद, रहस्यमयी खेल शुरू हुआ... उन्होंने मुझे आदेश दिया कि उनके सामने मैं टैरो कार्ड रख दूँ। मुझे जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ कि उन्हे कैसे मालूम मेरे पास टैरो कार्ड हैं। क्योंकि ऐसे साधुओंके पास दिव्य दृष्टी होना एक आम बात है।

मैंने उनके सामने टैरो डेक रखा।

उन्होंने कुछ प्राचीन ताड़पत्र रखे और मुझे उनमें चित्रों को पढ़ने और देखने के लिए कहा।

भृगु ऋषि द्वारा आधुनिक टैरो कार्ड और प्राचीन भारतीय कार्ड के बीच समानता देखकर मैं चौंक गया।

उन्होंने मुझे बताया कि इस विषय पर शोध करने और सच्चाई को दुनिया के सामने लाने के लिए परमात्मा ने मेरा चयन किया गया है।

मैंने उनके ताडपत्र की कुछ तस्वीरें लीं और उन साधुओं के साथ पारिवारिक तस्वीरें लीं, लेकिन जैसे ही उन्होंने रहस्यमय तरीके से मेरा घर छोडा, सभी छवियां रिक्त थीं।...

टैरो कार्ड की अधिक रोचक उत्पत्ति और इतिहास के लिए कृपया पढ़ते रहें, इसी किताब का दूसरा खण्ड...

आइए शुरू करते हैं...






सम्पर्क +91 9723106181

प्राचीन भारतीय टैरो कार्ड

द फूल

द मैजिशियन

द हाई प्रिस्टेस

द एम्प्रेस

द एम्परर

द हेरोफंट

द लवर्स

द चैरीओट

द स्ट्रेंग्थ

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